मुरैना पुलिस अधीक्षक क्राइम कंट्रोल में फैल, सामने पड़ी थी लाशें और खिलखिला रहे थे एसपी साहब*

 

*करीब एक सैकड़ा पुलिस कर्मी लाइन में, कैसे होगा अपराध पर नियंत्रण ?*

_विवेक तिवारी_
मुरैना । संभागीय मुख्यालय में करीब दो माह पूर्व आए बालाघाट के सुपरकॉप पुलिस अधीक्षक समीर सौरव जिले के लिए पनौती साबित क्यों हो रहे हैं ? मुरैना पुलिस अधीक्षक क्राइम कंट्रोल में फैल नजर आ रहे हैं और उनकी मारी हुई संवेदनाएं इस बात से जाहिर होती हैं कि दीपावली से कुछ रोज पूर्व हुए पटाखों के भंडारण में हुए विस्फोट में गईं जानों की जांच पूरी नहीं हो पाई कि डेढ़ माह में तीसरा धमाका हो गया और स्थिति ये थी कि सामने पड़ी थी लाशें और खिलखिला रहे थे एसपी साहब और डीआईजी । सवाल यह है कि अपने कानून विभाग को सुधारने के लिए श्री सौरव ने करीब एक सैकड़ा पुलिस कर्मी लाइन में पहुंचा दिए लेकिन बढ़ते अपराधों को नियंत्रित करने में फिसड्डी साबित रहे । इन हालात में कैसे होगा अपराध पर नियंत्रण ?
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक तथा पुलिस अधीक्षक का एक साथ तबादला मुरैना जिले की जनता पर इतना भारी पड़ेगा ये उम्मीद नहीं थी । नए पुलिस अधीक्षक समीर सौरव बेशक कहीं भी सुपरकॉप रहे हों और यहां अपने सिस्टम को सुधारने के लिए अपने ही पुलिस कर्मियों को लाइन में भेजना शुरू कर दिया लेकिन सिस्टम सुधारना तो दूर उल्टा अपराध बढ़ना चालू हो गए और हद तब हो गई जब 38 दिन में तीन विस्फोट, और हर तीसरे दिन किसी न किसी गांव में गोली कांड, लड़ाई झगड़े सहित जमीनी विवाद के मामले बढ़ने लगे लेकिन हमारे रक्षक पुलिस अधीक्षक क्राइम कंट्रोल क्यों नहीं कर पाए ? जाहिर है राजनीतिक दबाव या प्रभाव से ?

*पहले की घटना से सबक लेते तो नहीं जातीं जानें*

मुरैना लगातार हो रही विस्फोट की वारदातों के बाद भी पुलिस व प्रशासन कुंभकर्णी निद्रा में सोया हुआ है। अगर पूर्व में हुए ब्लास्ट के बाद पुलिस सर्चिग करती तो उसी क्षेत्र में फिर से ब्लास्ट नहीं होता और ना ही चार महिलाओं की जान जाती । पिछले एक माह सात दिन में जिले में ब्लास्ट की तीसरी वारदात है, उसके बाद भी पुलिस अधीक्षक मुरैना सख्त कदम नहीं उठा पा रहे हैं।

*चार की मौत, हर आंखे नम, पर मुस्करा रहे थे एसपी*

भारी विस्फोट के मौके पर अमानवीयता का उदाहरण तब देखने को मिला जब एक साथ चार महिलाओं की मौत पर परिवार की महिलाएं बिलख रही थीं, बस्ती में हर किसी आंखें नम थीं और ऐसे गमगीन माहौल में मुरैना के एसपी समीर सौरभ मुस्करा रहे थे, उनके साथ डीआइजी कुमार सौरभ भी मुस्कराते नजर आए। इनकी मुस्कराहट को देखकर लोगों में अच्छी प्रतिक्रियाएं नहीं थीं। इस मौके पर आई जी, एडिशनल एसपी, सीइओ जिला पंचायत, एडीएम भी खड़े थे, लेकिन उनके चेहरे पर गमगीन नजर आए।