मुरैना जिला शिक्षा अधिकारी ने किया स्कूलों का औचक निरीक्षण

शिक्षा अधिकारी ने किया स्कूलों का औचक निरीक्षण
मुरैना 06 जुलाई 2023/ कलेक्टर श्री अंकित अस्थाना के निर्देश पर जिला शिक्षा अधिकारी श्री एके पाठक ने गुरूवार को 6 विद्यालयों का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान कई शिक्षक अनुपस्थित पाये, उनका सात-सात दिवस का वेतन काटने के निर्देश दिये गये है।
जिला शिक्षाधिकारी ने प्रात: 11 बजे शासकीय प्राथमिक विद्यालय देवरी का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान राधेश्याम परिहार उपस्थित मिले। सहायक शिक्षक श्रीकृष्ण पचौरी लंबे समय से अनुपस्थित थे। प्राथमिक शिक्षक श्रीमती काजल सिकरवार का आवेदन रखा पाया। अतिथि शिक्षक पूनम पूर्व से ही बिना अनुमति के रजिस्टर में नाम दर्ज कर रखा था। जबकि अतिथि शिक्षक की नियुक्ति की कार्यवाही नहीं हुई। विद्यालय में साफ-सफाई नहीं थी। मध्यान्ह भोजन भी वितरित होना नहीं पाया।
जिला शिक्षाधिकारी पूर्वान्ह 11:30 बजे माध्यमिक विद्यालय हिंगोनाकलां पहुंचे। जहां छात्र संख्या 500 में से 318 उपस्थित मिले। विद्यालय में भोजन मीन्यू अनुसार पाया गया। इसी प्रकार पूर्वान्ह 11:55 बजे नहर चौराह पर जिला शिक्षाधिकारी पहुंचे, विद्यालय में सभी शिक्षक उपस्थित मिले, छात्रों की उपस्थिति में संतोषप्रद पाई गई। शौचालय की व्यवस्था के लिये डीपीसी को पत्र लिखा गया है।
दोपहर 12:20 बजे शासकीय प्राथमिकत विद्यालय जतावर पहुंचे। जहां संस्था प्रभारी हेमंत कुमार शुक्ला और कृपाशंकर नगाईच अनुपस्थित पाये गये। विद्यालय की छात्रा करीना, मानवी ने बताया कि 5 और 6 जुलाई को मध्यान्ह भोजन नहीं दिया गया। छात्र संख्या भी कम थी। अनुपस्थित दोनों शिक्षकों का सात-सात दिवस का वेतन काटने के निर्देश दिये। जिला शिक्षा अधिकारी दोपहर 12:45 बजे शासकीय प्राथमिक विद्यालय पटेल का पुरा पहुंचे, जहां विद्यालय बंद पाया गया। विद्यालय के समस्त शिक्षकों का सात-सात दिवस का वेतन काटने के निर्देश दिये।
इसी प्रकार दोपहर 12:55 बजे चंबल गुढा में विद्यालय का निरीक्षण करने पहुंचे, तो माध्यमिक शिक्षक टिंकल सोलंकी बिना सूचना के अनुपस्थित पाये गये। शिक्षक सीताराम तिवारी क आवेदन रखा हुआ पाया, जो अमान्य था। सीएल दर्ज नहीं थी। प्राथमिक शिक्षक रामसहाय बिना सूचना के अनुपस्थित पाये गये। माध्यमिक शिक्षक जितेन्द्र शर्मा लंबे समय से अनुपस्थित थे। विद्यालय में लैब भी संचालित नहीं पाई गई। छात्र संख्या में भी शून्य थी। शैक्षणिक कैलेण्डर के अनुसार कोई भी गतिविधियां संचालित नहीं पाई गई। सभी शिक्षक एक ही कमरे में बैठे पाये गये। जिला शिक्षा अधिकारी ने सभी शिक्षकों का सात-सात दिवस का वेतन काटने की कार्यवाही की है।